शनिवार, 14 नवंबर 2009
तेज रफ्तार है जिन्दगी
बहुत ही तेज़ रफ्तार है जिन्दगी
बहती दरिया की धार है जिन्दगी
सीने मे सांसो का आना -जाना
जैसे कि तेज कटार है जिन्दगी
बिक गया हूँ सब के अहसान से
मौत से मिली उधार है जिन्दगी
ख्वाबो मे जिसको देखा किए हम
उसी की ही सरोकार है जिन्दगी
अपने बारे मे क्या बताये जनाब
कुछ पल की और यार है जिन्दगी
जब से मुझसे मेरी खुशिया रूठी
तब से यहाँ से फरार है जिन्दगी
तेरा मिलना तो नामुमकिन है
फ़िर भी तेरी तलबगार है जिन्दगी
गर हकीकत को लिखू तो "मीत"
मेरी तो गुनाहगार है जिन्दगी
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