रविवार, 24 अक्तूबर 2010

खुशबू आने लगी मिटटी के मकान से

छत पे बैठ कर अपने मकान के 
तारे गिना करता हूँ आसमान के 
घर मे नन्हे-मुन्ने फूल क्या खिले 
खुशबू आने लगी मिटटी के मकान से 


                        रोहित कुमार "मीत"

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