सोमवार, 20 दिसंबर 2010

दरिया से मिलके हमने समंदर की बात की

दरिया से मिलके हमने समंदर की बात की
यानि की अपने आप के अन्दर की बात की

हारा था कौन,जंग का मतलब था क्या भला
पोरस से मिलके हमने सिकंदर की बात की

हर शख्स अपने जख्म दिखाने लगा मुझे
महफ़िल मे  जब भी सितमगर की बात की

उनकी जुबां पे "मीत" का भी नाम आ गया
उनसे किसी ने जब भी सुखनवर की बात की

रोहित कुमार "मीत"

1 टिप्पणी: