दरिया से मिलके हमने समंदर की बात की
यानि की अपने आप के अन्दर की बात की
हारा था कौन,जंग का मतलब था क्या भला
पोरस से मिलके हमने सिकंदर की बात की
हर शख्स अपने जख्म दिखाने लगा मुझे
महफ़िल मे जब भी सितमगर की बात की
उनकी जुबां पे "मीत" का भी नाम आ गया
उनसे किसी ने जब भी सुखनवर की बात की
रोहित कुमार "मीत"
यानि की अपने आप के अन्दर की बात की
हारा था कौन,जंग का मतलब था क्या भला
पोरस से मिलके हमने सिकंदर की बात की
हर शख्स अपने जख्म दिखाने लगा मुझे
महफ़िल मे जब भी सितमगर की बात की
उनकी जुबां पे "मीत" का भी नाम आ गया
उनसे किसी ने जब भी सुखनवर की बात की
रोहित कुमार "मीत"
Sunder rachna
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