सोमवार, 17 जनवरी 2011

उम्र से अपनी बड़ी ये बच्चियाँ दिखने लगीं

ढल रही है उम्र तो सब हड्डियाँ  दिखने लगीं
वक़्त के चेहरे पे कितनी झुरियाँ दिखने लगीं

जाने इनके सामने थी कौन सी मजबूरियाँ 
उम्र से अपनी बड़ी ये बच्चियाँ दिखने लगीं

मुझको यू  गम के सफ़र मै मुस्कुराता देखकर 
सबकी आँखों मैं अजब हैरानियाँ दिखने लगीं
  
इस खिज़ा कि रुत मे आखिर कौन सा गुल खिल गया 
ये कहाँ से फिर चमन मैं तितलियाँ दिखने लगीं


बात दिल की उस से  कह दी "मीत" अपना मानकर 
उसके चेहरें पर मगर  मजबूरियाँ दिखने लगीं

                                                   रोहित कुमार "मीत"

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