रविवार, 7 फ़रवरी 2010

जारी है एक सफ़र मेरा





जारी है एक सफ़र मेरा तीरगी के साथ

जंग चल रही है मेरी रौशनी के साथ



मुझे मालूम नहीं कि क्या सोच कर

मै खुद भी रो दिया बेबसी के साथ



ताज़ा हुए है जख्म मेरे फिक्र कीजिये

जब से मिला वो मुझे बेरुखी के साथ



पैमाने मै तुझको यू उदास देखकर

मैकदे से घर गया तिशनगी के साथ



होसलो तुम भी मेरे संग- संग चलो

जंग चल रही है मेरी जिंदगी के साथ



तीरगी/ अँधेरा

तिशनगी / प्यास

मंगलवार, 2 फ़रवरी 2010

दिल को मिला सुकून उसने भुला दिया





दिल को मिला सुकून उसने भुला दिया

ये बात और है कि मुझको रुला दिया



इस शहर मे कोई मुझे जानता ना था

फिर किसने रुसवाई को मेरा पता दिया



पास तेरा एक ख़त था निशानी के तौर

मगर आज तो हमने उसे भी जला दिया



चाक जिगर और आँखों मे मेरे अश्क

उसने मेरी वफ़ा का कुछ तो सिला दिया



टूट के बिखर-बिखर गए है यादो के पत्ते

किसने माजी के दरख्तों को हिला दिया



रो देते है बात- बात मे हँसते हुए भी हम

"मीत" इश्क ने तेरे क्या-क्या सिखा दिया



रोहित कुमार "मीत"