गुरुवार, 19 नवंबर 2009

आईना कर दे


इतना करम मुझपे तू खुदा कर दे

मेरी चादर मेरे कद से बड़ा कर दे


आज ख़ुद से बातें करनी है बहुत

तू मेरे सामने आज आईना कर दे


आजकल ख़ुद को मै ढूद्ता हूँ बहुत

ख़ुद के दरमिया तू फासला कर दे


तन्हा चलते -२ थक गया मै"मीत"

साथ अपनी यादो का काफिला कर दे

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