तन्हाई का हमने यू इन्तिजाम किया है
कि तेरी यादो का फ़िर एक जाम लिया है
नज़र आई है जब-जब तू मुझे पैमाने में
हमने झुक-झुक के तुझे सलाम किया है
दिल खोल के पी पर बहके नही कदम
हमने मैकदे का भी एहतराम किया है
मेरी तिशनगी से तू ना उलझ ये दरिया
मैंने समंदर का भी काम तमाम किया है
sir jab bhi mai yaha hota hoon apnapan sa lagta hai padhne ke baad ............thanx
जवाब देंहटाएं